ग्लोबल ईवी आउटलुक-2023 जारी, पढ़ें रिपोर्ट की मुख्य बातें

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एनएसएसओ का  सर्वे:  केवल 49.8 % परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं

एनएसएसओ का सर्वे: केवल 49.8 % परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं

published Published on : May 8, 2023

ग्रामीण भारत के केवल 49.8 प्रतिशत परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं। 46.7 प्रतिशत ग्रामीण परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों के 6.5% परिवारों में खाना पकाने के लिए लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। अगर बात करें पीने के पानी की तो केवल 39.1 प्रतिशत परिवारों के पास ही आवास के भीतर पीने के पानी की सुविधा मौजूद थी। ग्रामीण घरों के सन्दर्भ में ये आँकड़ा और भी कम हो जाता है; ग्रामीण...

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'डिजिटल सर्विलांस' के मसले पर हिंदुस्तानी मीडिया का रुख क्या है?

published Published on : Apr 24, 2023
'डिजिटल सर्विलांस' के मसले पर हिंदुस्तानी मीडिया का रुख क्या है?

टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जागरण की खबरों में दिखा सर्विलांस के प्रति समर्थन!   पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ‘निजता के अधिकार’ को मौलिक अधिकारों की श्रेणी में रखा है। लेकिन, आए दिन ये खबरें आती रहती हैं कि आज सरकार की ओर...

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ये 'अल–नीनो' क्या बला है?

published Published on : Mar 22, 2023
ये 'अल–नीनो' क्या बला है?

एक अनुमान की माने तो वर्ष 2023 अल–नीनो की आगोश में आ जाएगा।अल–नीनो का संयोग भारत के लिए अशुभ माना जाता है।क्योंकि अल–नीनो के कारण कई बार बारिश की मात्रा में गिरावट आ जाती है; हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की उम्मीदों पर अल–नीनो तुषारापात करता...

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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

published Published on : Mar 7, 2023
पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल...

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मनरेगा पर संकट के बादल

published Published on : Feb 8, 2023
मनरेगा पर संकट के बादल

हाल ही में पेश किए गए बजट के बाद पक्ष-विपक्ष की अतिवादी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इन बयानबाजियों में सबसे ज्यादा ध्यान मनरेगा ने खींचा है। बजट में मनरेगा के लिए आवंटित बजट, 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में काफी कम है। यह कमी...

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