असुरक्षित परिवेश

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खास बात

साल १९७० में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या १,१४,१०० थी जो साल २००४ तक चार गुना बढ़कर ४,२९,९१० हो गई।$
• सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की तादाद साल १९७० में १४,५०० थी जो साल २००४ तक छह गुनी बढ़कर ९२,६१८ हो गई।$
• खेती में सर्वाधिक मारक दुर्घटनाएं बिजली चालित मशीनों पर काम के दौरान होती हैं। बिजली चालित मशीनों से खेतिहर कामों में अनुमानतया १ लाख में २२ किसानों की मृत्यु होती है।**
• ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोगों, मातृ-स्वास्थ्य या पिर पोषणगत कारणों से अपेक्साकृत ज्यादा लोगों(४१ फीसदी) की मृत्यु होती है। *
• रासायनिक खाद, कीटनाशक और खरपतवार नाशकों के इस्तेमाल के कारण किसानों को की किस्म की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।**
• काम आय, कम पोषण और हाड़तोड़ मेहनत के कारण किसान-परिवार स्वास्थ्य समस्याओं से घिरे रहते हैं। इसका सीधा असर खेती की उत्पादकता पर भी पड़ता है और उपचार पर खर्च होने से किसान की आमदनी भी प्रभावित होती है।**

$ मिनिस्ट्री ऑव रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे
* समरी रिपोर्ट ऑन कॉजेज ऑव डेथ इन इंडिया (2001-2003)
** एनसीईयूएस (2007), रिपोर्ट ऑन कंडीशन ऑव वर्क एंड प्रोमोशन ऑव लाइवलीहुड इन द अन-आर्गनाइज्ड सेक्टर
 


 



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