पंजाब: किसानों के लिए आफत बना खरीफ सीजन,बाढ़ के बाद अब कीटों का हमला!


गाँव सवेरा, 18 सितम्बर पहले जुलाई में बारिश के कारण किसानों की 2 लाख एकड़ से अधिक धान और बासमती की फसल को भारी नुकसान हुआ. फिर अगस्त में, हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण अधिकारियों को भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा, जिसके चलते पंजाब में बड़े पैमाने पर खेती कई दिनों तक पूरी तरह से पानी में डूबी रही और अब सितंबर में धान की फसल कीटों के हमले का सामना कर रही है. पंजाब के मालेरकोटला, संगरूर, नाभा और मोगा जिले के कुछ गांवों में समस्या गंभीर है. किसान, धान की पत्ती मोड़ने वाला कीट जैसे कीटों के हमले से जूझ रहे हैं. एक आम कीट जो धान की फसलों को प्रभावित करता है, जिससे फसल को काफी नुकसान होता है. किसान अगस्त और सितंबर में बारिश की कमी को कीटों के हमले की शुरुआत का कारण मानते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, कटाई से दो से तीन सप्ताह पहले पर्याप्त बारिश आमतौर पर इन कीटों को नियंत्रित करने में मदद करती है, लेकिन इस साल राज्य में सितंबर में कम बारिश हुई. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मलेरकोटला के गोवारा गांव के किसान अबजिंदर संघा ने अपने खेतों में काला तेला, पट्टा लपेट और गोभ सुंडी होने की बात कही. किसान कीटों को नियंत्रित करने के लिए महंगे कीटनाशकों का सहारा ले रहे हैं, यहां तक कि छिड़काव के लिए श्रमिकों की भी कमी है. मौजूदा स्प्रे इन कीटों को खत्म करने में कारगर साबित नहीं हुए हैं, जिससे लागत लगभग 1,000 रुपये से 1,200 रुपये प्रति एकड़ तक बढ़ गई है. |
गाँव सवेरा, 18 सितम्बर https://www.gaonsavera.com/chandigarh-after-floods-pest-attack-paddy-farmers-struggle-far-over/
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