लोन देने में हिचक रहे हैँ बैंक
-इंडिया टूडे, रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद उद्यमियों को बैंकों से बिना सिक्योरिटी ऋण की सुविधा मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उद्यमियों का आरोप है कि बैंक अपने रिकार्ड बचाने के लिए ऋण देने के नियमों को नहीं मान रहे हैं. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व यूपी प्रेसीडेंड सुनील वत्स कहते हैं “आरबीआइ के निर्देशों के मुताबिक बैंकों को बिना गारंटी ऋण देने या सीसी लिमिट के बीस फीसदी तक ऋण जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन बैंक इस बारे में कोई उत्साह नहीं दिखा रहे हैं. इससे उद्यमियों को काफी दिक्क्तें आ रही है.” लखनऊ के चिनहट में कार पार्ट्स की फैक्ट्री चलाने वाले रमेश गुप्ता बताते हैं कि सरकार ने कई स्तरों पर राहत की घोषणा की है लेकिन इसका फायदा मिलने में उद्यमियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. गुप्ता बताते हैँ “बिजली का फिक्सड चार्ज हो या जीएसटी रिफंड, अबतक उद्यमियों को कोई मदद नहीं मिल पायी है.” औद्योगिक संगठनों का यह भी आरोप है कि लाकडाउन में आरबीआइ ने इंडस्ट्री को इएमआइ में राहत देने का जो ऐलान किया था उसे भी बैंक नहीं मान रहे हैं. इंस्ट्रीज एसोसिएशन के एक पदाधिकारी राहुल महरोत्रा बताते हैँ “आइबीआइ ने इएमआइ के संबंध में 27 मार्च को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, उसके बाद भी ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी बैंकों को राहत नहीं दे रहे हैं.” उधर, बैंकों और एनबीएफसी से जुड़े लोगों का तर्क है कि आरबीआइ ने इएमआइ की सुविधा उन्हीं लोगों को दी है जिनकी सैलरी लेट आइ है या नहीं आइ है या वे इंडस्ट्रीज जिन्हें नकदी का संकट है. इसके लिए प्रमाण भी मांगा जा रहा है. इंडस्ट्रीज से जुड़े लोग बैंकों के प्रमाण मांगने को नजायज ठहरा रहे हैं. इनका तर्क है कि लाकडाउन में प्रमाण कहां से लाया जाए. पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
आशिष मिश्र, https://aajtak.intoday.in/story/banks-are-hesitant-to-give-loans-1-1193992.html
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