भीमा कोरेगांव: अदालत ने डीयू प्रोफेसर हेनी बाबू को सात दिन की हिरासत में भेजा
-द वायर, भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को एक विशेष अदालत ने बुधवार को चार अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते 28 जुलाई को 54 वर्षीय हेनी बाबू एमटी को इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. वह दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्हें बुधवार को मुंबई में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया गया था. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि मामले में आरोपी की कथित संलिप्तता के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया है. एनआईए ने अदालत में कहा कि आरोपी के प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से संबंध हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विशेष लोक अभियोजक प्रकाश शेट्टी के माध्यम से एनआईए ने दस दिनों के लिए हेनी बाबू की हिरासत की मांग करते हुए दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी जांच के दौरान जब्त इलेक्ट्रॉनिक सामाग्री से बरामद पत्रों के आधार पर उससे पूछताछ करना चाहती है. एनआईए ने यह भी दावा किया कि बाबू नक्सल गतिविधियों और नक्सली आंदोलनों के समर्थक थे. एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों से विभिन्न पत्र बरामद हुए हैं जो इस मामले में उनकी संलिप्तता के संकेत देते हैं. एनआईए ने उनकी हिरासत यह कहते हुए मांगी थी कि अन्य आरोपियों की जांच के दौरान सामने आए विभिन्न तथ्यों का मिलान करना जरूरी है. इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें आनंद तेलतुंबडे और गौतम नवलखा भी शामिल हैं, जिन्हें अप्रैल में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. हेनी बाबू की तरफ से पेश हुए वकील ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि एनआईए द्वारा हेनी बाबू से बीते चार-पांच दिनों से पूछताछ की जा रही थी और इसलिए उन्हें आगे हिरासत में भेजे जाने की जरूरत नहीं है. विशेष अदालत के न्यायाधीश एटी वानखेड़े ने उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को देखने के बाद पाया कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं. अदालत ने आरोपी को सात दिन की एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया. यह मामला 31 दिसंबर, 2017 में पुणे के शनिवारवाडा में हुए एलगार परिषद के कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है. पुणे पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र क्रमश: 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को दाखिल किया था. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
द वायर, https://thewirehindi.com/133159/elgar-parishad-case-court-sends-du-professor-hany-babu-to-seven-day-nia-custody/
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