मकसद

इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज(आईएम4चेंज) भारत के ग्रामीण संकट से जुड़ी सूचनाओं का एक भंडारघर है।देश के सबसे गरीब इलाके से जुड़े जीविका,खेती और पर्यावरण के मद्दों और मसलों को उठाना और इन मसलों पर सार्वजिनक सरोकारों और गतविधियों को रेखांकित करना इस पहल का मुख्य मकसद है।यह पहल विचार के इस बुनियाद पर टिकी है कि मीडियाकर्मियों, विकास से जुड़े मुद्दों के चिन्तकों और शोधकर्ताओं की एक टोली खड़ी की जाय ताकि तार्किक समर्थन,शोध और मीडिया में अपेक्षाकृत बेहतर जगह बनाकर खेतिहर समाज के संकट से एक व्यापक समाज को जोड़ा जा सके।
वेब-पन्ने के रुप में तैयार किए गए जिस संसाधन-केंद्र(www.im4change.org) में आपने फिलहाल लॉगिन किया है उसका निर्माण मुख्य रुप से उन मीडियाकर्मियों, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए किया गया है जो ग्रामीण संकट से जुड़ मसलों की समझ बनाना चाहते हैं।इंक्लूसिव मीडिया टीम का प्रयास मुख्यधारा की मीडिया को ग्रामीण-संकट से संबद्ध करना है। इसके अतिरिक्त इस टोली के कामों में शामिल है-ग्रामीण सरोकारों पर मीडिया-कवरेज की जांच के लिए मीडिया-ऑडिट करना और रिपोर्टरों तथा नागरिक-समूह के कार्यकर्ताओं के लिए कार्यशाला आयोजित करना।
इस संसाधन केंद्र का प्रयास अपने को पत्रकारिता और विकासपरक चिंतनधारा के बीच में एक पुल की तरह स्थापित करना है। प्रयास यह है कि प्रमुख नीतिगत दस्तावेजों ,प्रामाणिक आंकड़ा-भंडारो,अकादमिक आलेखों और ग्रामीण विकास पर केंद्रित समकालीन चिंतन से प्रभावकारी सामग्री एक जगह प्रस्तुत की जाय।एकत्रित सामग्री को एक नजर, खास बात,पृष्ठभूमिपरक सूचना और फैक्टशीट के रुपाकार में प्रस्तुत किया गया है।ऐसा करने की पीछे इरादा यह है कि एक सार्थक सार्वजनिक बहस शुरु हो सके।जीविका, मानव-विकास,सामाजिक और लैंगिक न्याय तथा गरीबी-उन्मूलन से जुड़े नीतिगत मुद्दों के तार एक दूसरे से बड़ी मजबूती से गुंथे हुए हैं और और एक-दूसरे के पूरक भी हैं। आईएम4चेंज की टोली को उम्मीद है कि वह अपने प्रयासों से इन मुद्दों की पारस्परिकता को प्रभावकारी ढंग से रेखांकित करेगी।यह टोली अपनी भूमिका विचारों को आगे बढ़ाने और विकल्पों का प्रस्ताव करने के रुप में देखती है ना कि मीडिया-सामग्री को तैयार करने के रुप में।