युवाओं की बेरोजगारी के मामले में सबसे अमीर केरल और सबसे गरीब बिहार एक जैसे
-द प्रिंट, आगामी दशक में भारत अपनी आर्थिक संभावनाओं को कितना पूरा करेगा यह इस बात से तय होगा कि आज के युवाओं को कैसी शिक्षा मिलती है, वे क्या हुनर हासिल करते हैं, और आर्थिक अवसरों तक उनकी कितनी पहुंच होती है. पिछले सप्ताह के लेख में हमने यह देखा कि भारत में 20-29 आयुवर्ग की महिलाओं के जीवन की दिशा इतने वर्षों में किस तरह बदली है. अब इस लेख में हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि 2004-05 से 2018-19 के बीच भारत में क्षेत्रीय रोजगार बाज़ार की क्या दशा रही है और 20-29 आयुवर्ग के युवकों की शिक्षा किस दिशा में जा रही है. नयी राष्ट्रीय रोजगार नीति में, जिसका मसौदा जल्द तैयार होने वाला है, रोजगार निर्माण के लिए क्षेत्रीय और सेक्टर के हिसाब से प्रोत्साहनों के बारे फैसला करने से पहले इन क्षेत्रीय प्रवृत्तियों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. देश के दो बड़े राज्यों, केरल और बिहार में आर्थिक समृद्धि के लिहाज से काफी बड़ा अंतर है. केरल सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल है, तो बिहार प्रति व्यक्ति वास्तविक आय के लिहाज से सबसे गरीब राज्य है. लेकिन दोनों में दो आश्चर्यजनक समानताएं भी हैं. उच्च शिक्षा पा रहे युवकों (20-29 आयुवर्ग) के मामले में ये दोनों राज्य शिखर पर हैं (चित्र 1). इसी तरह ये दोनों ऐसे राज्य हैं जिनमें रोजगार की तलाश कर रहे और बेरोजगार रह गए युवकों का अनुपात सबसे ज्यादा है (चित्र 2). ये आंकड़े सावधिक श्रम सर्वे डेटा से लिये गए हैं और 2018-19 के बारे में हमारे अनुमानों पर आधारित हैं. पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
https://hindi.theprint.in/opinion/richest-kerala-and-poorest-bihar-alike-in-terms-of-youth-unemployment/252068/
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