देश के कई इलाकों में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात, धान, सोयाबीन उड़द की फसल को बारिश का इंतजार

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published Published on Aug 2, 2020   modified Modified on Aug 2, 2020

-गांव कनेक्शन,

मानसून के शुरुआत में अच्छी बारिश के बाद देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हो रही है। जिसका असर धान, उड़द और सोयाबीन की फसल पर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जहां धान लगाने वाले किसान परेशान हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के जिला विदिशा, भोपाल, रायसेन और होसंगाबाद सहित कई जिलों के सोयाबीन किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में खरीफ की फसल का रकबा लगभग 2 लाख 11 हजार हेक्टेयर का जिसमें धान का रकबा लगभग 98 हजार हेक्टेयर है। यहां जून में अच्छी बारिश हुई तो किसानों ने बोवनी तेज कर दी, लेकिन अब बारिश नहीं हो रही है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी तक 105 मिलीमीटर बारिश ही हुई है जबकि धान की फसल के लिए कम से कम 120 मिलीमीटर बारिश की जरूरत पड़ती है। लगभग 62 प्रतिशत खेतों में पानी नहीं है। खेतो का पानी सूख जाने से धान की फसल में बियास नहीं आया और खरपतवार के साथ दीमक ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

मौसम विभाग ने शुरुआत मे इस साल अच्छी बारिश के संकेत दिए थे लेकिन जिस तरह से अभी तक बारिश हुई है उससे मौसम विभाग के दावे गलत साबित होते दिख रहे हैं। किसान अब ट्यूबवेल, पोखरों तालाबों से सिंचाई कर किसी तरह फसल बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जो क्षेत्र पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं वहां के किसान चिंतित हैं। जनपद में धान के प्रमुख क्षेत्रों में से एक बिछियां ब्लॉक के नौगवां निवासी युवा किसान अनुज कहते हैं, "मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस बार अच्छी बारिश के आसार थे। हमने ढाई एकड़ धान लगवाए थे, लेकिन बारिश न होने से खेतों में दरारें पड़ रही हैं दीमक का असर भी होने लगा है जिससे पेड़ सूखने लगे हैं"। इस बारे में जिला कृषि अधिकारी के के दीक्षित कहते हैं, "इस साल अभी तक उम्मीद से कम बारिश हुई है। कम बारिश का असर हर फसल में है, लेकिन धान पर इसका ज्यादा असर पड़ रहा है। जनपद में बड़ी तादाद में धान की खेती होती है। अगर बारिश कम होती है तो इसका आंकलन करने का काम किया जाएगा। फिलहाल सिंचाई विभाग से नहरों में समुचित पानी छोड़े जाने को लेकर बात की जाएगी।"

मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की फसल बर्बादी की कगार पर

मध्य प्रदेश के विदिशा, भोपाल, रायसेन और होसंगाबाद सहित कई जिलों में मानसून आने के बाद से बारिश थमी हुयी है। प्री मानसून में इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुयी थी, लेकिन उसके बाद यहां 15 दिन से हल्की फुल्की बारिश हुयी है। जिस कारण इन जिलों के किसान परेशान हैं।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


गांव कनेक्शन, https://www.gaonconnection.com/desh/due-to-lack-of-rain-things-like-drought-paddy-soybean-urad-crop-waiting-for-rain-47895


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